Hindi News Home Remedies Hariyali Amavasya: पितृदोष दूर करेंगे ये उपाय, घर में होगा सुख-समृद्धि का वास
  • Hariyali Amavasya: पितृदोष दूर करेंगे ये उपाय, घर में होगा सुख-समृद्धि का वास

    • .
    • .
    • .
    • .
    • 27 Jul,2022 08:34 PM
    Image Source:
  • हिंदू धर्म में व्रत, त्योहारों के साथ शुभ तिथियों का विशेष महत्व है. वही सावन महीने में पड़ने वाली हरियाली अमावस्या इस बार 28 जुलाई दिन गुरुवार को पड़ रही है. ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस दिन पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग भी बन रहे हैं. ऐसे में इन शुभ योग पर पूजा-अर्चना व उपाय करने से जल्दी ही मनचाहा फल मिलता है. साथ ही पितरों का आशीर्वाद मिलता है. चलिए जानते हैं हरियाली अमावस्या के कुछ अचूक उपाय... 


    पौधे लगाएं

    पितरों की कृपा पाने के लिए पौधारोपण करें. आप अपने घर के पास पड़ने वाले मंदिर पर पीपल, नीम, बिल्व, आंवला, आम या किसी और वृक्ष का पौधा लगाएं. रोजाना पौधों को पानी दें और उनके बड़े होने तक सेवा करें. ऐसा करने से पितरों की कृपा आपके घर-परिवार पर बनी रहेगी.


    ऐसे करें शिवलिंग की पूजा

    सावन महीने में गुरुवार को अमावस्या आना शुभ संयोग माना गया है. ऐसे में आप पानी में कुछ काले तिल मिलाकर शिवजी का अभिषेक करें। मान्यता है कि इससे भगवान शिव और पितृ देवता प्रसन्न होते हैं और मनचाहा फल देते हैं.


    दान करें

    इस शुभ दिन पर जरूरतमंदों व बेसहारा लोगों को कच्चा अनाज, कपड़े, बर्तन व अन्य जरूरी सामान दान करें. साथ ही कुष्ठ रोगियों को तेल से बने भोजन पूरी, भजिए आदि का दान करें। माना जाता है कि इससे पितृदेव प्रसन्न होते हैं.


    ब्राह्मण को सपत्नीक भोजन करवाएं

    हरियाली अमावस्या के दिन पुष्य नक्षत्र के संयोग में किसी योग्य ब्राह्मण को सपत्नीक भोजन के लिए घर पर बुलाएं. भोजन के बाद उन्हें अपने सामर्थ्य अनुसार वस्त्र, बर्तन आदि चीजें भेंट करे. उसके बाद यथा शक्ति दक्षिणा देकर ससम्मान विदा करें। पितृों की कृपा पाने का यह कारगर उपाय माना गया है.


    पितरों का तर्पण व श्राद्ध करें

    इस शुभ दिन पर नदी के किनारे पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि करें। नदी में स्नान करके पितरों के निमित्त जल दान करें. साथ ही सूर्य देव को अर्घ्य दें.


    पितृ स्त्रोत का पाठ करें

    जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष है वे पीपल के पास दीपक जलाकर पितृ स्त्रोत का पाठ करें. नहीं तो एक माला यानि 108 बार पितृ मंत्र का जाप करें.


    पाठ करें व चालीसा पढ़े

    सावन अमावस्या के दिन पितृसूक्त पाठ, गीता पाठ, गरुड़ पुराण, गजेंद्र मोक्ष पाठ, रुचि कृत पितृ स्तोत्र, पितृ गायत्री पाठ, पितृ कवच का पवित्र पाठ या पितृ देव चालीसा व आरतती जरूर पढ़े.


    हनुमान पूजा करें

    इस दिन हनुमान मंदिर जाकर पवनपुत्र को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें. मान्यता है कि इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है.


    लक्ष्मी पूजा करें

    सावन अमावस्या पर रात्रि में पूजा करते समय थाली में स्वास्तिक या ॐ बनाएं. उसके ऊपर महालक्ष्मी यंत्र रखें. फिर विधिवत पूजा करें. इससे आपके घर-परिवार में देवी लक्ष्मी की असीम कृपा बनी रहेगी.

Foolow Us On

Contact Us Copyright © 2021 webdaily.com, All Rights Reserved